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1 घंटे पहले
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नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस यानी NDA ने रविवार, 17 अगस्त को सी.पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। ये निर्णय भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
दरअसल, 21 जुलाई की देर रात में तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था। वहीं, नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर, 2025 को होने वाला है।

सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म तिरुप्पुर में कॉन्गु वेल्लालर गाउंडर समुदाय के एक साधारण परिवार में हुआ।
स्कूलिंग शिक्षा के दौरान, राधाकृष्णन खेलों में एक्टिव थे। वे टेबल टेनिस में कॉलेज स्तर पर चैंपियन रहे और लंबी दूरी की दौड़, क्रिकेट और वॉलीबॉल में भी रुचि रखते थे।

राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ। वे 17 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। फिर, साल 1974 में राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। राधाकृष्णन आगे चलकर तमिलनाडु में जनसंघ से बनी भाजपा के प्रमुख नेता के रूप में उभरे।
लोकसभा चुनाव में 2 बार जीते, 3 बार हारे
साल 1996 में भारतीय जनता पार्टी ने राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा के सेक्रेटरी बनाया। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 1998 के लोकसभा चुनाव में उतारा। वे इस साल पहली बार कोयंबटूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए।
1998 में बनी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सिर्फ13 महीने तक चली थी। ऐसे में 1999 में दोबार लोकसभा चुनाव हुआ। इस बार वो कोयंबटूर लोकसभा सीट से 55,000 वोटों के अंतर से दोबारा सांसद चुने गए। हालांकि उसके बाद, उन्हें 2004, 2014 और 2019 में लगातार 3 बार कोयंबटूर से हार का सामना करना पड़ा।

राधाकृष्णन 1998 से 2004 तक PSUs के लिए संसदीय समिति के सदस्य और वित्त के लिए संसदीय परामर्श देने वाली समिति के सदस्य रहे।
राधाकृष्णन ने 20 अक्टूबर, 2003 के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मानवीय और आपदा राहत सहायता को बेहतर करने की बात कही। वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे।
2004 में BJP, तमिलनाडु के अध्यक्ष बने
राधाकृष्णन 2004 से 2006 तक भारतीय जनता पार्टी (BJP), तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे। अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा निकाली, जो 93 दिनों तक चली। इस रथ यात्रा में उन्होंने भारतीय नदियों के आपस में जोड़ने, छुआछूत के उन्मूलन और भारत में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु के सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया।
2000 के दशक में राधाकृष्णन केरल में भारतीय जनता पार्टी के संगठन निर्माण में भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे। बाद में वो 2020 से 2022 तक केरल के लिए भाजपा प्रभारी रहे।

राधाकृष्णन 2016 से 2020 तक भारत के कॉयर बोर्ड (Coir Board of India) के अध्यक्ष रहे, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं
राधाकृष्णन को 18 फरवरी, 2023 को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने 4 महीने में सभी 24 जिलों का दौरा किया। राज्य के नागरिकों और अधिकारियों से मुलाकात की।
इसके बाद उन्होंने मार्च 2024 से अगस्त 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभाला। फिर 31 जुलाई, 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था। वे अभी तक इसी पद पर कार्यरत हैं।
संसदीय दल की बैठक में हुआ उपराष्ट्रपति कैंडिडेट का फैसला
रविवार, 17 अगस्त को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में NDA के संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सी.पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया।

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