चेन्नई के पेराम्बूर के एक अस्पताल में 24 सप्ताह की उम्र में जन्मे एक बच्चे के दाहिने हाथ की पाँचों उंगलियाँ गैंग्रीन के कारण चली गईं। समय से पहले प्रसव, बिना किसी पूर्व सूचना के की गई सर्वाइकल पेसरी प्रक्रिया के कारण हुआ। इस प्रक्रिया ने घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू कर दी जिसका परिणाम यह हुआ कि बच्चे को गैंग्रीन हो गया। चेन्नई (उत्तर) स्थित जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अनुसार, पर्याप्त जाँच या आपातकालीन औचित्य के बिना समय से पहले की गई पेसरी प्रक्रिया के कारण पेट में दर्द, रक्तस्राव जैसी जटिलताएँ हुईं और अंततः, केवल 24 सप्ताह में ही समय से पहले प्रसव हो गया।
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नवजात की पांचों उंगलियां काटने का मामला
ताजा अपडेट के अनुसार चेन्नई उत्तर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यहां एक अस्पताल और डॉक्टर को गैंग्रीन के कारण नवजात शिशु की पांचों उंगलियां काटे जाने के मामले में 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के अलावा इलाज पर खर्च हुए 23.65 लाख रुपये की भरपायी करने का आदेश दिया है।
आयोग ने हाल में अपने फैसले में शहर के अस्पताल और स्त्री रोग विशेषज्ञ को लापरवाही का दोषी माना और उन्हें कुल मुआवजा राशि के साथ ही मुकदमे की लागत के रूप में 10,000 रुपये देने का भी निर्देश दिया।
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अस्पताल, डॉक्टर जिम्मेदार, देंगे मुआवजा
आयोग ने कहा कि अस्पताल और डॉक्टर इस प्रक्रिया की आपातकालीन प्रकृति को उचित ठहराने या यह समझाने में विफल रहे कि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक सहमति को नजरअंदाज क्यों किया गया।
ऐसी जानकारी है कि ‘सवाईकल पेसेरी’ प्रक्रिया के कारण बच्चे का समय पूर्व जन्म हुआ। इस प्रक्रिया के तहत सिलिकॉन रिंग को योनि में डाला जाता है ताकि गर्भाशय ग्रीवा को सहारा मिल सके, लेकिन इस प्रक्रिया के लिए सहमति नहीं ली गयी।
आयोग ने कहा यह प्रक्रिया बिना किसी परीक्षण के की गयी
इस प्रक्रिया के कारण बच्चे को गैंग्रीन हो गया और आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया बिना किसी परीक्षण या आपातकालीन आवश्यकता के की गयी। इसके कारण 24 सप्ताह की गर्भवती महिला का समय पूर्व प्रसव कराना पड़ा।
बच्चे की मां का इसी अस्पताल में उपचार चल रहा था और जब यह प्रक्रिया की गयी तो वह 22 सप्ताह की गर्भवती थी।
आयोग ने कहा कि प्रसव के बाद नवजात को गहन चिकित्सा इकाई में ले जाया गया, जहां उसमें गैंग्रीन के शुरुआती लक्षण दिखायी दिए। इसके कारण उसके दाहिने हाथ की सभी पांचों उंगलियां काटनी पड़ीं।