बेंगलुरु पुलिस 64 वर्षीय पल्लवी ओम प्रकाश को उनके पति, सेवानिवृत्त कर्नाटक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश की हत्या के सिलसिले में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी। उन्हें पहले उनकी बेटी कृति के साथ घटनास्थल से हिरासत में लिया गया था। इस बीच, बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने इस हाई-प्रोफाइल मामले को केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) को सौंपने के आदेश जारी किए हैं। सीसीबी मंगलवार से औपचारिक रूप से जाँच अपने हाथ में ले लेगी।
बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा ने प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश की हत्या के मामले में 1150 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें उनकी पत्नी पल्लवी को मुख्य आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1981 बैच के अधिकारी प्रकाश की 20 अप्रैल को बेंगलुरु में एचएसआर लेआउट स्थित उनके आवास पर पल्लवी ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) को सौंप दी थी।
केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) देश में शहरी पुलिस बलों के भीतर एक विशेष इकाई है जो गंभीर अपराधों, संगठित अपराध और आर्थिक अपराधों की जांच करती है।सीसीबी जटिल मामलों की जांच, आपराधिक खुफिया जानकारी एकत्र करने और विशेष अभियान चलाने जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
सीसीबी सूत्रों के मुताबिक हत्या के संबंध में प्रथम एसीएमएम अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इस हत्याकांड की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई थी।
आरोप पत्र में औपचारिक रूप से प्रकाश की पत्नी पल्लवी को मुख्य आरोपी बताया गया है, जबकि उनकी बेटी कृति को किसी भी तरह की संलिप्तता के आरोप से मुक्त कर दिया गया है।
जांचकर्ताओं के मुताबिक कृति के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले, जो यह इंगित करे कि हत्या की साजिश में उसकी संलिप्तता थी।
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि घटना के समय वह एचएसआर लेआउट स्थित आवास की ऊपरी मंजिल पर थी। अपराध से उसके संबंध में कोई विश्वसनीय सबूत न होने के कारण, उसका नाम आरोप पत्र से हटा दिया गया है।
पल्लवी को हालांकि इस हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत के तहत कारागार में है।
सूत्रों ने बताया कि सीसीबी के अधिकारियों ने विस्तृत जांच कर पल्लवी के खिलाफ सबूत एकत्र किये और इसके बाद आरोप पत्र में उसे नामजद किया।