Infosys: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने ऑस्ट्रेलियाई आईटी कंपनी वर्सेंट ग्रुप में 75 परसेंट हिस्सेदारी हासिल कर ली है. यह सौदा 233.25 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 1300 करोड़ रुपये) में हुआ. अब तक वर्सेंट पर ऑस्ट्रेलिया की टेलस्ट्रा ग्रुप का मालिकाना हक था, लेकिन अब इसका ऑपरेश्नल कंट्रोल इंफोसिस के हाथों होगा. जबकि वर्सेंट की पेरेंट कंपनी टेल्स्ट्रा की अब इसमें सिर्फ 25 परसेंट की ही हिस्सेदारी रहेगी.
क्यों यह डील है जरूरी?
यह डील इंफोसिस और टेल्स्ट्रा के बीच एक जॉइंट वेंचर है ताकि अपने ऑस्ट्रेलियाई बिजनेस के लिए AI-सक्षम क्लाउड और डिजिटल सॉल्यूशंस को बढ़ावा दिया जा सके. इंफोसिस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सलिल पारेख ने कहा, ”हम ट्रांसफॉर्मेटिव AI-फर्स्ट कैपेबिलिटीज को सक्षम बनाने के लिए इंफोसिस टोपाज को लाने के लिए उत्साहित है, जो वर्सेंट ग्रुप के क्लाउड-फर्स्ट डिजिटल फाउंडेशन के पूरक के तौर पर काम करेगा.”
वर्सेंट ग्रुप मुख्य रूप से सरकार और शिक्षा, वित्तीय संस्थानों, ऊर्जा और उपयोगिता वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर क्लाउड सर्विसेज प्रदान करता है. यह कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए इंडस्ट्री के अपने लिडिंग ट्रेडिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर क्लाउड स्ट्रैटेजी को डिजाइन करने और उन्हें लागू करने के लिए जानी जाती है.
दोनों कंपनियां 2024 से साथ कर रही काम
कंपनी के पास ऑस्ट्रेलिया में 650 इंजीनियरों, एडवाइजर्स और स्ट्रैटेजिस्ट की एक पूरी टीम है. इंफोसिस के वर्सेंट ग्रुप के अधिग्रहण का मकसद ऑस्ट्रेलिया में अपनी मौजूदगी को मजबूत बनाना है. इंफोसिस अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और आईटी ट्रांसफॉर्मेशन को गति देने के लिए साल 2024 से अपनी पेरेंट कंपनी टेल्स्ट्रा के साथ मिलकर काम कर रही है.
इंफोसिस के शेयरों में उछाल
इंफोसिस ने वर्सेंट ग्रुप की 75 परसेंट हिस्सेदारी खरीद ली है, इस खबर के आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में इंफोसिस के शेयरों में 1.6 परसेंट का उछाल आया. इसी के साथ शेयर की कीमत 16.33 डॉलर पर पहुंच गई. वहीं, बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में भी इंफोसिस के शेयरों में तेजी देखी गई. 0.16 परसेंट की तेजी के साथ शेयर 1426.40 रुपये पर बंद हुए थे.
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