शिवगढ़(रायबरेली) भारतीय जनता पार्टी का सबका साथ सबका विकास का नारा छलावा साबित हो रहा है। अपात्रों को आवास तो पात्रों को आवास के लिए ब्लॉक से लेकर जिले तक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।विदित हो कि शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती गांव की रहने वाली बेसहारा आसमा पत्नी स्वर्गीय यार मोहम्मद जान हथेली पर लेकर अपने परिवार के साथ कच्चे जर्जर मकान में रह रही है। आलम यह है कि छत की अधिकांश धन्निया टूट गई है। बारिश होने पर स्वयं को बचाना तो दूर की बात गृहस्थी बचा पाना एक चुनौती से कम नहीं है। रात में जब सभी सोते हैं तो यह परिवार मारे दहशत के कच्ची कोठरी के कोने में बैठकर रतजगा करता है।वहीं बैंती गांव में ही पिछले कई सालों से पल्ली तान कर रह रही रूबी पत्नी रुस्तम का दर्द फूट पड़ा। रूबी ने बताया कि पिछले कई सालों से वह तानकर पति और बेटे के साथ रहती है। परिवार की माली हालत होने के चलते एक छोटा सा आशियाना बना पाना उसके लिए किसी सपने से कम नहीं है। जरा सी बारिश होने पर पूरे परिवार को भूखे सोना पड़ जाता है। रूबी ने बताया कि आवास के लिए ग्राम प्रधान से लेकर खण्ड विकास अधिकारी की चौखट के कई चक्कर काटे किंतु कोई सुनवाई नही हुई।