रायबरेली के जिला महिला अस्पताल में रोगियों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। फार्मासिस्ट का उगाही का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस भ्रष्टाचार में लैब टेक्नीशियन की भूमिका भी संदेह के दायरे में है बताई जा रही है। सीएमएस ने फार्मासिस्ट का वेतन रोक दिया है और पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
शनिवार को लालगंज सीएचसी से रेफर कर आई प्रसूता को महिला अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके पति बहाई गांव के अमरेश मौर्या से रोगी के पंजीकरण के लिए दो सौ रुपये मांगे गए हैं। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि अस्पताल में पंजीकरण से लेकर सारा इलाज निश्शुल्क होता है। बाद में लैब टेक्नीशियन ने भी ब्लड टेस्ट के लिए सौ रुपये मांगे। छुट्टा पैसा न होने के कारण उन्होंने रुपये नहीं दिए। हालांकि, इसके बाद भी टेक्नीशियन ने जांच कर रिपोर्ट दे दी।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला अस्पताल डा. रेनू चौधरी का कहना है कि अस्पताल में अनुशासन बना रहे। अवैध वसूली का प्रकरण संज्ञान में आया है। फार्मासिस्ट का वेतन रोक दिया गया और जांच के लिए दो डाक्टरों की टीम गठित कर दी गई है। लैब टेक्नीशियन की भूमिका की जांच भी की जा रही है। जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।