रायबरेली। (उमेश यादव) विश्व मलेरिया दिवस पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया |इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा- मलेरिया,डेंगूऔरफाइलेरियामच्छरजनित बीमारियाँ हैं | फाइलेरिया एक ऐसी मच्छर जनित बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं यह जीवन पर्यंत रोगी को कष्ट देता रहता है।डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा – मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया दौरा या चेतना की हानि की स्थिति बन जाती है | यह बीमारी मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने के कारण होती है अगर मलेरिया का संक्रामक मच्छर काट लेता है तो स्वस्थ मनुष्य मैं 10 से 14 दिन बाद विकसित होता है।
गोष्ठी में जिला मलेरिया अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए घर के आस-पास जलजमाव न होने दें, साफ सफाई रखें | गरीब और अमीर कोई भी हो सभी का मलेरिया से बचाव का एक बहुत ही साधारण उपाय है कि वह मच्छरदानी का प्रयोग करें | इससे मच्छर जनित मलेरिया के अतिरिक्त तमाम अन्य बीमारियों से बचाव हो सकेगा | इसलिए जनमानस से अपील है कि अपने घर में कूलर का पानी प्रति सप्ताह बदलें, फ्रीज में पीछे की ट्रे साफ करते रहें,किसी भी प्रकार की गंदगी और जलभराव न होने दें | मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर मलेरिया की जांच कराएं जहां पर जांच और दवाएं मुफ्त मिलती हैं ।
सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल मेसी ने बताया कि जहां पर गंदगी होगी वहां मच्छर का प्रजनन अधिक होगा | मच्छर जनित रोग न पनपें इसलिए अधिक से अधिक सफाई का ध्यान रखें।
कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी यादव,सहायक मलेरिया अधिकारी अखिलेश बहादुर सिंह,पाथ से डॉ. इल्हाम जैदी,यूनिसेफ से बीएमसी सहाना जमीर,बीएमसी वंदना त्रिपाठी व अन्य लोग उपस्थित रहे|