नीतिका द्विवेदी
मोहनलालगंज। भारत में कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप इस बार शहरों से होता हुआ गावों तक पहुंच गया ऐसे मे इस वैश्विक महामारी में बहुत बडी मात्रा मे उपजे बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण व इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिये जन जागरुकता ही एक मात्र सरल विकल्प दिखाई देता है। बायोमेडिकल कचरे की जटिलताओं के कारण अभी अपने यहां शहरों मे भी आदर्श व्यवस्थाओं का आभाव देखने को मिलता है ऐसे मे गांवों की स्थिति का अन्दाजा आप बखूबी लगा सकते हैं। अतः पर्यावरण संरक्षण गतिविधि इस गम्भीर समस्या पर राष्ट्रव्यापी जनजागरुकता अभियान के तहत सम्पूर्ण भारत मे इस विषय पर जनजागरुकता के कार्यक्रम चलायेगा। अभियान क विस्तृत व वृहद रूपरेखा बनाने हेतु आज गतिविधी के क्षेत्र प्रमुख ललित जी अपनी प्रान्त टोली सदस्यों डा. आशीष मिश्र (पर्यावरणविद्) प्रान्त शिक्षण संस्थान सह प्रमुख, प्रतीक जी शोषल मीडिया सहप्रमुख व अक्षय मिश्र जिला प्रमुख सहित लखनऊ जिले के बिन्दौवा स्थित एस. एम. एस. वाटरग्रेस मेडीवेस्ट प्लान्ट के दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होने प्लान्ट के डिप्टी मैनेजर अंकुर वर्मा से मुलाकात कर बायोमेडिकल कचरा निस्तारण पर विस्तार से चर्चा की व इसके निस्तारण की सामान्य विधियां गावों के लिये क्या हो सकती है इस पर चर्चा की! बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण की सम्पूर्ण चरणों व उपयोग होने वाली समस्त विधियों के क्रियान्वयन का जायजा लिया। गतिविधी के कार्यकर्ता जहां यह सुविधा नही है ऐसे सुदूर गांवों में, घरों व कालोनियों मे पहुंचकर जमीनी स्तर पर बायोमेडिकल कचरे के स्वतः निस्तारण पर कार्य योजना के स्वरुप के लिये जनजागरूकता का कार्य करेंगे । जहां वे उपयोग हो चुके मास्क, बची दवाइयां व सिरेंज आदि के निस्तारण की सही विधियां जन जन तक पहुंचायेंगे व लोगों को इसके गलत निस्तारण से होने वाली हानियों के प्रति जागरूक करेंगे।