लखनऊ– भारत सरकार की राष्ट्र निर्माण एवं विकास योजनाओं में भागीदार बनाने के लिए लाखों हजारों सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी राह देख रहे हैं, यूपी सरकार की योजनायें देश के विकास के लिए कार्य कर रही हैं जिसमें सरकार की एक योजना है सौभाग्य और पंडित दीनदयाल ग्रामीण विद्युत ज्योति योजना जिसका लाभ सरकार के द्वारा जन जन तक पहुंचा।
परंतु अब ऐसा होना संभव नहीं हो पा रहा है। क्योंकि एक योजना मध्यांचल विद्य़ुत वितरण खंड के कार्य करने की जिम्मेदारी ए डी बी(एसियन डेवलेंपमेंट बैंक) को दे दी गई है, जिससे सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को अनदेखा किया जा रहा है, इसमें बाहरी एवं बड़ी कंपिनयों का ही निवेश होगा..जिसमें प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग भविष्य में बंद होने के कगार पर आ खडें होंगे।
प्रकरण यह है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा सौभाग्य ए डी बी योजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की गईं थी, जिसमें फर्मों की आवश्यक योग्यतायें एक जैसी थीं, एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा निवदायें खोल दी गईं। आर के सिंह ने आरोप लगाया कि आश्चर्यजनक रूप से मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने निविदाओं में बड़ी फर्मों को फायदा पहुंचाने के लिए आवश्यक योग्यताओं में बदलाव कर दिया है, जिससे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा प्रदेश में निविदाओं में शामिल होने के लिए सूक्ष्म एवं लघु फर्मों के साथ अन्याय किया है। इस संबंध में सूक्ष्म एवं लघु फर्म के द्वारा शासन एवं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को पत्र के द्वारा अवगत किया गया है।