रिपोर्ट ऋषि मिश्रा
बछरावां रायबरेली। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर पूरे देश में चिकित्सकों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। और क्यों न हो क्योंकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस भयानक समय में क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो या फिर निजी अस्पताल के सभी चिकित्सक क्षेत्रीय जनता के लिए देवदूत बनकर साबित हुए हैं। एक ओर जहां पूरा देश इस छुआछूत के संक्रमण से लड़ रहा था, तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए क्षेत्रीय जनता की सेवा की है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ० प्रभात मिश्रा व डॉ० संजीव शुक्ला से लेकर डॉ० रामकिशोर अवस्थी, डॉ० विजय शुक्ला, डॉ० संतोष कुमार शुक्ला, डॉ० सुधीर कुमार मिश्रा, डॉ० वीरेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ० आशीष अवस्थी, डॉ० सिद्धार्थ पटेल, डॉ० गरिमा चौधरी व अन्य क्षेत्रीय चिकित्सकों ने इस घातक महामारी के समय में अपनी जान की परवाह न करते हुए अनवरत क्षेत्रीय जनता के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। जहां एक ओर निजी अस्पतालों की बात छोड़ दें तो सरकारी अस्पताल सदैव ही ऐसी भयानक परिस्थितियों में सवालों के घेरे मे आ जाते हैं, परंतु इस बार की इस वैश्विक महामारी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछरावां की चिकित्सक डॉ० प्रभात मिश्रा व डॉ० संजीव शुक्ला ने लोगों के ऐसे सवालों को चुनौती देते हुए उन्हें पूर्ण रूप से गलत साबित किया है। तथा वरिष्ठ चिकित्सकों में शुमार व काफी समय से क्षेत्रीय जनता के रोगों का निवारण कर रहे डॉ० अशोक तिवारी व डॉ० नवल चौधरी को भी हम सबने किस वैश्विक महामारी के समय खोया है। जो कि क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।