*पोषण पखवाड़ा के अन्तर्गत जन जागरूकता पोषण रैली के माध्यम से श्री अन्न का किया गया व्यापक प्रचार-प्रसार।*
*भारत सरकार की टीम द्वारा जनपद के समस्त 13 बाल विकास परियोजना की आंगनबाडी कार्यकत्रियों को दिया गया प्रशिक्षण।*
*अमेठी। 29 मार्च 2023,* जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में निदेशक, राज्य पोषण मिशन उ0प्र0 के द्वारा 20 मार्च 2023 से 03 अप्रैल 2023 तक पोषण पखवाडा मनाया जायेगा। इसी क्रम में 29 मार्च 2023 को जनपद अमेठी में भारत सरकार से आई टीम द्वारा जनपद के समस्त 13 बाल विकास परियोजना की आंगनबाडी कार्यकत्रियों को पोषण पखवाडा आयोजन के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया जिसमें प्रशिक्षण के दौरान पोषण ट्रैकर पर समस्त गतिविधियों की फीडिंग, पोषण अभियान जनांदोलन डैशबोर्ड पर पोषण पखवाडा की गतिविधियों की फीडिंग, ग्रोथ मानीटरिंग, बडी मदर व एम0सी0पी0 कार्ड के सम्बन्ध में आंगनबाडी कार्यकत्रियों को विस्तारपूर्वक जानकारी टीम के सदस्यों द्वारा दी गयी। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाडा की गतिविधि के तहत जनपद के समस्त आंगनबाडी केन्द्रों पर जन जागरूकता पोषण रैली के द्वारा श्री अन्न का एवं महिलाओ और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया गया तथा बच्चों का वजन करने के साथ ही श्री अन्न से बनी रेसिपी का प्रदर्शन भी केन्द्र पर किया गया। उक्त कार्यक्रम में आई0सी0डी0एस0 के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की सहभागिता रही है, पोषण पखवाडा में रैली के पश्चात समस्त केन्द्रों पर वजन दिवस मनाया गया जिसमें आए हुए सभी लाभार्थियों को स्वास्थ्य एवं पोषण तथा ’’श्री अन्न’’ के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि ए0एन0एम0, आशा तथा आंगनबाडी कार्यकत्रियों द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण एवं दवा वितरण एवं गर्भवती/धात्री, 01 माह से 03 वर्ष के बच्चों/03 वर्ष से 06 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण, लम्बाई जाॅंच, वजन जांच तथा आयरन की गोलियां व विटामिन देने करने के साथ ही आंगनबाडी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं द्वारा आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण परामर्श तथा आंगनबाडी कार्यकत्रियों द्वारा स्टाॅल लगा कर गर्भवती/धात्री, छोटे बच्चों के खान-पान प्रति जागरूक किया गया। इस सम्बन्ध में ’’बडी मदर’’ के तहत स्वस्थ बालक-बालिका के माता को प्रोत्साहित करके कुपोषित बालक-बालिका के माता को सहयोगी जोडी बना कर उनसे बच्चों के लालन-पालन के विषय में उत्साहवर्धन करते हुए जानकारी आदान-प्रदान की गई, जिससे कुपोषित बच्चों की माता स्वस्थ बच्चों की माता द्वारा दिए गये पोषण परामर्श के द्वारा अपने बच्चे को स्वस्थ बना सकें।