अमेठी: कोरोनावायरस से फैली महामारी ने अब अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया है। इसी के साथ सरकार एवं सरकारी दावों की हवा भी निकल गई है सारे दावे कागजी एवं और किताबी बन कर रह गए हैं। जागरूकता, जांच, इलाज, साफ सफाई और सैनिटाइजेशन जैसे कार्य बहुत ही तीव्र गति से सिर्फ कागजों पर चलाए जा रहे हैं । वास्तविकता से इनका कोई भी लेना देना नहीं रह गया है । ऐसे में जनता सिर्फ भगवान भरोसे जीवित है । यह बात हम किसी पिछड़े जिले की नहीं कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की । अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना अंतर्गत हारीमऊ गांव में निवास करने वाली जनता डर के साए में घुट घुटकर जी रही है । इस गांव में पिछले 1 महीने में लगभग 2 दर्जन लोगों की जान बस यूं ही चली गई है । ग्रामीण बताते हैं की इसमें से कुछ लोग स्वाभाविक मौत से मरे हैं तो अधिकतर लोगों को या तो कोरोना हो चुका था या फिर कोरोनावायरस के लक्षण उनमें दिखाई पड़ रहे थे । लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावे जिले के कई गांव में धराशाई होते दिखाई पड़े हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब से कोरोना महामारी चली है तब से अभी तक सिर्फ एक बार गांव में सैनिटाइजेशन का काम हुआ है। इसके अतिरिक्त साफ सफाई जांच दवा वितरण इत्यादि कुछ भी नहीं हुआ है। जबकि अधिकारियों की माने तो लगातार जिले में साफ-सफाई सैनिटाइजेशन इत्यादि का कार्य चलता रहता है। लेकिन यह कहां चलता है इसको बताने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण रोहित बताते हैं कि मैं स्वयं लगभग 1 माह पूर्व कोविड- पॉजिटिव हुआ था । मेरे पास बराबर जिला मुख्यालय से फोन आ रहे थे और सारी जानकारी ली जा रही थी । लेकिन सुविधा और दवाओं तथा साफ-सफाई के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया। बुजुर्ग शिवप्रसाद बताते हैं कि सर्दी जुखाम बुखार तथा हार्ट अटैक से लगभग दो दर्जन लोगों की मृत्यु हुई है । ऐसे में प्रशासन से हम मांग करते हैं कि वह हमारे गांव में गाड़ी भेजकर जांच करवाएं । साफ सफाई एवं सैनिटाइजेशन की व्यवस्था कराएं तथा इसी के साथ कोरोना पीड़ितों को दवाएं उपलब्ध कराएं।