अमेठी: ब्लॉक प्रमुख चुनाव में कुछ सीटों पर मिली हार के कारण सांसद प्रतिनिधि पर उठ रहे सवालों और जातिवादी करार देने वालों को समाजसेवी हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कालिका प्रसाद मिश्रा ने दिखाया आइना।
कालिका प्रसाद मिश्रा का बयान सोशल मीडिया पर वायरल, सांसद प्रतिनिधि आदरणीय विजय गुप्ता की सादगी, सौम्यता व सरलता का नतीजा है कुछ नुमाइंदे अनाप शनाप बकनें की जुर्रत कर रहें हैं।। जबकि प्रतिनिधि जी अमेठी की सेवा में रात दिन लगे रहते हैं, इन्होंनें कभी किसी व्यक्ति को पीड़ा पहुचानें की कोशिश ही नहीं की।
सांसद के विशेष निर्देश पर अमेठी में किसी भी चुनाव में पहले की तरह अनुचित दबाव या हस्तक्षेप कभी नहीं बनाया जाता। अन्यथा सबको भली भांति पता है कुछ भी असम्भव नहीं लोकल चुनाव तो छोटी बात है। अगर आज अनुचित प्रयास से चुनाव जीतते तो लोग उल्टा सीधा बोलते, यदि कोई हस्तक्षेप नहीं करके स्वतंत्र जनमत का सम्मान किया गया तो भी अहंकार में मर्यादा भूल जाना दुःखद है।
सर्वविदित है प्रतिनिधि का लोकल चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं होता क्योंकि सभी अमेठी के अपनें परिवारीजन हैं, जो जीता वह भी और जो नहीं वह भी, फिर अज्ञानियों द्वारा ऐसी बचकानी सोच और आरोप लगाया जाना बेहद हास्यस्पद है। सिर्फ इतनें में समझ लें कि जिस व्यक्तित्व की रणनीति अमेठी में विपरीत परिस्थितियों में राहुल गांधी को धूल चटा सकती हो उसकी तुलना या चुनौती देना बेहद मूर्खतापूर्ण है।
हा इस लोकल चुनाव से निहित स्वार्थी तत्वों का चेहरा भी बेनकाब हुआ है कि उनकी सारी नेतागीरी जनसेवा, पार्टी या संगठन के लिए नहीं वल्कि व्यक्तिगत विकास के लिए है, ऊपर से समर्थन अंदर से षड्यंत्र भी बेनकाब हुआ है, उसी पत्तल में खाना और उसी में छेद करना भी साबित हुआ है, जो पार्टी से जुड़े लोगों व प्रशासन दोनों पर लागू होती है।
अंततः अनावश्यक उछलनें वालों को ध्यान रखना चाहिए कि सूर्य को टार्च दिखानें से रोशनी मलीन नहीं होती जबकि सारी ऊर्जा सूर्य से ही मिल रही है।