अमेठी: शुकुल बाजार विकास खंड में क्या खाखी इतना मजबूर हैं कि अपनी आय बढ़ाने के लिए लकडकटो से मिलकर फल के समय हरे भरे फूल लगे आम के पेड़ काटने के एवज में अपनी जेब भर रहे हैं।
पुलिस अपनी जिम्मेदारी भूल गयी हैं। अमेठी जनपद के थाना बाजार शुकुल का है। जहाँ थाना प्रभारी के चहेते सिपाही कटान पर जाते हैं। पेड़ों की गिनती करके प्रभारी को बताते फिर यही से शुरू होती हैं कमाई शीशम सहगवन की चार से पांच बोटा की मांग की जाती है।
उसके बाद लकड़ी ठेकेदार को थाने पर बुलाकर बड़े सम्मान के साथ बैठाया जाता है। अपना हिस्सा लिया। जाता कोई मीडिया कर्मी विरोध करता है। तो उस पर फर्जी तरीके से दबाव बनाया जाता है। और मुकदमें लिखने की धमकी दी जाती है। अभी ताजा मामला शुकुल बाजार थाना क्षेत्र के ब्यौरेमऊ में रातो रात लकड़ी ठेकदारो ने 6 पेड़ आम और 2 पेड़ महुआ वर्दीधारी के सहयोग से काटकर उठा ले गये एक सप्ताह हो चुके हैं।
परन्तु कार्यवाही के नाम पर कान में जू तक नही रेंगती उधर वन विभाग के दरोगा का कहना है कि सबको कमाना है मैं अकेले क्या कर सकता। जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार हर वर्ष करोड़ो रुपया पेड़ पौधा लगाने पर खर्च करती है तो उन्ही के अधिकारी उसे बंदर बाट करने पर आमादा है।
अमेठी से रिपोर्ट सुरेन्द्र शुक्ला की रिपोर्ट