अमेठी जिले की गौरीगंज विधानसभा बीजेपी के लिए सबसे टेढ़ी खीर साबित होने वाली है। उसका मुख्य कारण है टिकटों का बंटवारा। जिले में सबसे ज्यादा बीजेपी के नेता गोरीगंज विधानसभा से टिकट के चक्कर में है। जिसके लिए नेता अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। सभी नेता एक दूसरे से अपने को ऊपर दिखाने की जुगत मे लगें हैं। हर नेता अपने आप को कम आंक नही रहा है। सभी अपने आप को स्मृति का करीबी बता रहे हैं। और टिकट की जुगत में लग गए हैं। आइये आपको बताते हैं गौरीगंज विधानसभा के वो 7 नाम जो सबसे आगे हैं टिकट के चक्कर में।
बीजेपी इन 8 नेताओँ को क्या गौरीगंज विधानसभा से देगी टिकट ?
दादा तेजभान सिंह- बीजेपी के पुराने नेताओं में से एक नाम है तेजभान सिंह का माना जा रहा है कि बीजेपी, सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के सामने तेजभान सिंह को उतार सकती है।
प्रियंक हरि विजय तिवारी– बीजेपी के नेता और काफी दिनों से टिक्कर के चक्कर में लगे बीजेपी नेता प्रियंक हरि विजय तिवारी ब्राह्मण नेता के तौर गौरीगंज विधानसभा में टिकट दे सकती है। नाम ये भी जा रहा है काफी दिनों से टिकट के चक्कर में लगे है। इस बार इन्हे उम्मीद है कि इन्हे दिकट मिल सकता है।
रविंद्र प्रताप द्विवेदी- जिले के यूथ नेता में शुमार और जिले अपनी अलग पहचान बनाने वाले द्विवेदी इस बार हाथ आजमाना चाह रहे हैं। लगातार प्रयास में है इस बार टिकट गौरीगंज से मिल जाये।
दुर्गेश त्रिपाठी- बीजेपी के पुराने नेता और बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी की भी उम्मीद जताई ज रही हैं कि पार्टी उन्हें भी टिकट देकर विधानसभा पर उतार सकती हैं।
विजय किशोर तिवारी- 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी के रूप में विजय किशोर तिवारी ने चुनावी सफर की शुरुआत की और 2019 के लोकसभा के पूर्व भाजपा की सदस्यता दी अब वह भी भाजपा से टिकट लेकर विधानसभा पहुंचने की तैयारी में लगे हैं
राजीव शुक्ला- जिला गठन से पूर्व राजीव शुक्ला भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा सुल्तानपुर के उपाध्यक्ष के तौर पर राजनीति में शुरुआत की और जिला अमेठी का गठन होने के बाद जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा बनाए गए साथ ही स्मृति ईरानी के करीबी माने जाते हैं और युवा चेहरा होने के नाते टिकट के दावेदार बने हुए हैं
चन्द् प्रकाश मिश्र- पहली बार बसपा के टिकट पर राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़े थे और हार गए थे सजे बाद 2007 में बसपा से टिकट लेकर विधायक बने तब से लेकर वह बसपा के ही सदस्य रहे 2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा की सदस्यता ली और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं और अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
डॉ अनिल त्रिपाठी- डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी संघ के कार्यकर्ता है साथ ही एक ब्राह्मण समाज के बड़ा चेहरा के रूप में उभरे हैं अच्छी शिक्षा के रूप में डी०लीट की उपाधि प्राप्त की है और ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ भी बनाए हुए हैं और अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किस पर अपना दांव आजमाती है जो राकेश प्रताप सिंह को मात दे सके, फिलहाल जो भी हो लेकिन यह चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।