अमेठी: जनपद वीआईपी क्षेत्र में आता है। सुल्तानपुर से अलग कर अमेठी को स्वतंत्र जिला गठन हुए करीब दस वर्ष बीत जाने के बाद भी आजतक दीवानी कोर्ट की व्यवस्था नहीं हो सकी।इसमें एक तरफ जहां लोगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर न्याय के लिए सुल्तानपुर न्यायालय जाना पड़ता है जिससे अनावश्यक धन व समय की बर्बादी होती है वहीं दूसरी तरफ कोई नया जनपद गठन के बाद तब तक विधिक स्वरूप नहीं पाता जब तक दीवानी न्यायालय संचालन न हो, इस प्रकार दोनों दृष्टिकोण से एक तो व्यापक जनहित में न्याय के लिए दीवानी कोर्ट संचालन अतिआवश्यक है वहीं जनपद की विधिक हैसियत के लिए भी जरूरी है।
अमेठी में जनपद न्यायालय संचालन के लिए जिला जज व स्टाफ की व्यवस्था हो चुकी है, जो बिना कार्य जिले में बैठते हैं।इस तरह अनावश्यक राजस्व हानि भी हो रही है। स्थाई कोर्ट निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण के साथ निर्माण कार्य भी चल रहा है, जो इतना धीमा है कि अभी तक ठीक से बाउंड्रीवाल भी नहीं तैयार हो पाई।इस तरह कई वर्ष निर्माण में लग सकते हैं, इसके लिए अमेठी जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार तक आवाज उठाई गई।मैं स्वंय विधि मंत्री ब्रजेश पाठक जी से मुलाक़ात कर मांग की, उन्हें ज्ञापन सौंपा, उन्होंने पूरा आश्वासन दिया कि चुनाव पूर्व संचालन शुरू हो जायेगा।बावजूद इसके कोई कार्य में प्रगति या संचालन हेतु कार्यवाई नजर नहीं आना दुःखद है।
आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव है जिसमें दीवानी संचालन मुख्य मुद्दा होना निश्चित है, जो वाज़िब भी है क्योंकि इससे वादकारियों को न्याय प्राप्ति में बड़ी समस्या है।किन्तु वर्तमान परिदृश्य से ऐसा प्रतीत हो रहा कि चुनाव के पहले दीवानी कोर्ट शुरू नहीं हो पायेगा।जबकि शासन के पास पूरा विकल्प है कि अन्य कार्यालयों की तरह जिला न्यायालय भी अस्थाई रूप में अस्थाई किसी भवन में शुरू किया जा सकता है या निर्माण कार्य में तेजी लाकर पूर्ण किया जा सकता है किंतु विशेष लोक महत्व के इस विषय पर ऐसी उदासीनता बेहद दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुनः शासन व सरकार का जनहित में ध्यानाकर्षण कराना चाहता हूं कि शीघ्र अमेठी दीवानी न्यायालय के स्थाई या अस्थाई संचालन की व्यवस्था हेतु आवश्यक कार्यवाई की जाये जो जनता, सरकार, प्रतिनिधि, पार्टी सभी के लिए हितकर होगा।
*एडवोकेट कालिका प्रसाद मिश्र।
अमेठी, उत्तर प्रदेश।*