रिपोर्ट अभय दीक्षित
निगोहां।रोजी रोटी के लिए निगोहां से अपना घर द्वार छोड़कर सूरत में लॉक डाउन में फंसे पांच मजदूरों को जब उन्हें मकान मालिक ने भगा दिया तो वह पैदल ही अपने घर के लिए भूंखे प्यासे निकल पड़े 10 दिनों तक पैदल यात्रा कर अपने गांव की सीमा पर पहुंचकर रोने लगे और ग्राम प्रधान को मोबाइल फोन पर सूचना कर अपने को 14 दिनों के लिए क्वारन्टीन करने की बात कही सूचना के बाद ग्राम प्रधान निगोहां पुलिस के साथ उन्हें गांव के ही पंचायत भवन में क्वारन्टीन किया वहीं बुधवार सूचना पाकर पहुंची पीएचसी निगोहां की डॉक्टर टीम ने उनका डॉक्टरी परीक्षण कर उन्हें अपने अपने घरों में ही 14 दिनों तक कैद रहने की सलाह दी।
निगोहां के रहने वाले मजदूर संजय ,अनमोल, शिवप्रकाश, विशाल, व उमेश ने बताया कि वह लोग रोजी रोटी के लिए सूरत गुजरात मे मजदूरी कर रहे थे कोरोना महामारी के बाद लगे लॉक डाउन में वह लोग फंसे हुए थे एक महीना तो किसी तरह चल गया लेकिन उनका मकान मालिक घर की लाइट काटकर उन्हें भगा दिया जिसके बाद वह लोग 26 अप्रैल की सुबह पैदल अपने घर के लिए निकल पड़े रास्ते मे कहीं पुलिस का डंडा मिला तो कहीं खाना मिला। कुछ समाज सेवकों द्वारा उनकी मदद भी की गई। 10 दिन बाद मंगलवार की रात वह अपने गांव की सीमा पर पहुंचकर निगोहां ग्राम प्रधान पुत्र अभय दीक्षित को सूचना दी प्रधान पति सुरेंद्र दीक्षित ने निगोहां पुलिस के साथ उन्हें गांव के ही पंचायत भवन में क्वारन्टीन कर उनके खाने की व्यवस्था की। वहीं बुधवार को सूचना पाकर पीएचसी प्रभारी डॉ हसनाथ बारी टीम के साथ पहुंची और उनका डॉक्टरी परीक्षण थर्मल स्कैनिग कर उन्हें अपने अपने घरों में ही 14 दिनों तक कैद रहने की सलाह दी।