अमेठी: रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (आरआरपीजी) अमेठी में विज्ञान एवं प्राद्योगिकी विभाग नई दिल्ली एवं रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अमेठी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय विचार गोष्ठी (सिम्पोजियम) विषय जैव विविधता की वर्तमान स्थिति, संरक्षण एवं व्यावसायिक उपयोगिता का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप मे जनपद के जिलाधिकारी अरूण कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि जैव विविधता का अर्थ जीव जंतुओं एवं वनस्पतियों के अलग-अलग किस्मों से है। प्रकृति में मानव अन्य जीव-जंतुओं तथा वनस्पतियों का संसार एक दूसरे से इस प्रकार जुड़ा है कि किसी के भी बाधित होने से सभी का संतुलन बिगड़ जाता है अन्ततः मानव जीवन प्रभावित होता है।
गोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के प्रोफेसर रामलखन सिंह बताया कि जितना ही विकास होगा पर्यावरण पर उतना ही विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आज जंगलों को काट कर विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं लेकिन अन्य जीव जन्तु एवं वनस्पतियों के लिए यह एक भयावह स्थिति है।
अमेठी से सफीर अहमद की रिपोर्ट