अमेठी: सोमवार को गौरीगंज मुख्यालय स्थित नवीन फायर स्टेशन में दो दिवसीय साइबर प्रशिक्षण ‘कॉप-टॉक 2.0’ कार्यशाला की शुरुवात किया गया।
पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने प्रथम दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा कहा की अब अमेठी पुलिस से साइबर अपराधी बच नहीं पाएंगे।
क्योंकि जनपद के पुलिस अधिकारी/कर्मचारी साइबर विषेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर अधिक कुशलता से साइबर अपराधियों की पहचान एव प्रभावी नियंत्रण समय रहते कर सकेंगे। जिससे साइबर अपराधों पर लगाम लगेगी।
बताते चलें की पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने अमेठी पुलिस को बेहतर प्रशिक्षित करने के मकसद से ‘काप-टाक-1.0’ का आयोजन किया था जिसकी सफलता इस बात से लगाई जा सकती है की विगत कुछ दिनों पूर्व ही दो आपराधिक मामलों मे पुलिस की कड़ी पैरवी और प्रभावी अभियोजन के चलते अभियुक्तों का दोष सिद्ध हुआ और उन्हे न्यायालय से सजा मिली।
- जिसे ‘काप-टाक’ की सफलता के रूप मे देखा जा रहा है। उसी प्रशिक्षण सीरीज की यह दूसरी शृंखला है जिसमे ‘साइबर अपराधों’ को केंद्र बिन्दु के रूप मे रखा गया है प्रशिक्षण के प्रथम दिन नई दिल्ली से साइबर मामलों/अपराधों के विशेषज्ञ के रूप संजय मिश्रा मुख्य वक्ता के रूप मे उपस्थित रहे। पुलिस उपाधीक्षक, गौरीगंज अर्पित कपूर ने बताया की साइबर विशेषज्ञ संजय मिश्रा द्वारा सोशल मीडिया, बैंक फ़्राड, ईमेल ट्रेसिंग, एवं आईटी अधिनियम-2000, के विषय मे विस्तार से जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया गया। साइबर विशेषज्ञ ने आईपी एड्रेस के इस्तेमाल और ट्रैकिंग, ईमेल और सोशल प्लेटफार्म पर बरती जाने वाली सावधानियाँ, आईटी अधिनियम के साक्ष्य प्राविधानों और साइबर क्राइम के ट्रैकिंग एवं मानीटरिंग प्रणाली के बारे मे सभी को विस्तार से प्रशिक्षित किया।कार्यक्रम के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज, सभी सीओ एवं थाना प्रभारी व अन्य संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे।
अमेठी से सफीर अहमद की रिपोर्ट