वाजिद हुसैन की रिपोर्ट
सुल्तानपुर: लम्भुआ कस्बा क्षेत्रों में हजरत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम परंपरागत ढंग से मनाया गया।
हर तरफ नोहाखानी और मातम की सदाएं बुलंद हो रही थीं। जगह जगह लोगों ने इमाम हुसैन की याद मे शर्बत और खाने पीने की व्यावस्था की गई थी।
मुस्लिम नवयुवक अपने-अपने अखाड़े में युद्ध कला का प्रदर्शन किए जिसे देख लोगों की कभी कभी सांसे थमसी जा रही थी जान हथेली पे रखकर नए नए करतब दिखा कर लोगों का मनमोह लिया खिलाडियों ने।
लम्भुआ के अखाडे की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है।
देर रात तक क्षेत्र के सभी ताजिया कर्बला में दफनाया गया।
लम्भुआ क्षेत्र के कई आकर्षक ताजिया कस्बे में इकठ्ठा हुई।
बहमरपुर,मामपुर,बेलाही,देवरी गांव से ताजियादारों ने ताजिये के साथ मातम व नौहाख्वानी पढते हुए लम्भुआ कस्बे में पहुंची और या हुसैन या हुसैन के शदाऐं बुलन्द करते रहे।
लम्भुआ मुहर्रम मेला स्थल पर 12 ताजिया आई थीं।
सभी ताजियादारों को लम्भुआ उस्ताद अकरम हुसैन उर्फ पियाजू ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
मोहर्रम के दसवीं के मौके पर हाजी जाहिद हुसैन फारूकी,खलीफा सरताज अहमद फारूकी,हिन्दू मुस्लिम एकता समिति के अध्यक्ष सुशील बरनवाल,गौड समाज के जिला अध्यक्ष बाबू लाल धुरिया,मद्दू दादा,रियाज अंसारी,छंगू आतिशबाज, सलमान जावेद राइन,जावेद अंसारी,खुर्सीद अहमद फारूकी,सिराज अहमद सब्बाग,अनिस फारूकी,सद्दाम हुसैन सब्बाग,करीम बाबा,अनीस अंसारी,पूर्व प्रधान माता प्रसाद सरोज,गुलजार अहमद अंसारी,वारिस सिद्दीकी,उसमान इदरीसी,इमरान इदरिसी,गुडडू सब्बाग,मैसर अली,सकील फारूकी,इरफान फारूकी,रिजवान कुरैश,मोईन कुरैश,मोनू अंसारी,अधीर शर्मा, सादाब अंसारी,संटुल भाई,सलीम सब्बाग,हाजी निजामुद्दीन सिद्दीकी,कमाल सिद्दीकी,अजमत अली आदि लोग रहे मौजूद।
मेले की सुरक्षा व्यावस्था के तहत कोतवाली लम्भुआ si भरत सिंह अपने पुलिस जवानो के साथ मुस्तैद रहे।