शिवगढ़(रायबरेली) शिवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिपरी में मोहम्मद नफीस का आशियाना उस समय भरभरा कर मलबे में तब्दील हो गया जब परिवार के सभी सदस्य आंगन में भरा पानी बाहर निकाल रहे थे। बताते हैं कि बारिश थमने के बाद नफीस के परिवार के कुछ सदस्य आंगन से पानी निकाल रहे थे तो वहीं कुछ सदस्य घर के बाहर कूड़े कचरे से पट्टी नाली सफा कर रहे थे। तभी पलक झपकते ही उनका पूरा आशियाना भरभरा कर गिर पड़ा। गनीमत रही की कोई छत के नीचे नहीं था वरना बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। बताते हैं कि 20 मिनट पूर्व नफीस का 15 सदस्यों का परिवार छत के नीचे बैठा था। बारिश थमते ही जैसे परिवार के सदस्य आंगन में भरे जल के निकास का जुगाड़ करने लगे वैसे ही पूरा मकान पलक झपकते ही ढह गया। जिसकी तेज आवाज से से गांव में अफरा-तफरी मच गई। ऊपर वाले का शुक्र था की कोई हताहत नहीं हुआ वरना बहुत बड़ा हादसा हो सकता। प्रकृति के कहर से नफीस का पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गया है। सरकार के लाख दावों के बावजूद पात्रों को पीएम आवास एवं मुख्यमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसका लाभ सिर्फ सेटिंग गेटिंग वाले व्यक्तियों तक ही सीमित रह गया है। जिसकी बानगी शिवगढ़ क्षेत्र के पिपरी गांव में देखने को मिली।
बताते चलें कि पीड़ित परिवार पिछले कई वर्षों से परिवार के 15 सदस्यों के साथ इसी जर्जर मकान में रह रहा था। पीड़ित ने आवास के लिए खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय से लेकर उपजिलाधिकारी, जिलाधिकारी के कार्यालय तक खूब गणेश परिक्रमा की किंतु नतीजा शून्य रहा। हर जगह से सिर्फ उसे निराशा हाथ लगी। आवास के लिए दिए गए शिकायती पत्रों की जांच करने जो भी अधिकारी आया वह वही बता कर लौट गया कि तुम्हारी पक्की छत है तुम पात्र नहीं हो तुम्हे आवास का लाभ नहीं मिल सकता। लगता है जिम्मेदार अधिकारियों को किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार था।
अफसोस है कि पीड़ित नफीस ने आशियाने के ढहने के बाद खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय से लेकर उपजिलाधिकारी के कार्यालय तक शिकायती पत्र देकर मदद की गुहार लगाई किन्तु कोई मौके पर देखने तक नहीं गया। पीड़ित नफीस ने बताया कि लोगों के माध्यम से नवागंतुक हल्का लेखपाल को सूचना दी किंतु उन्होंने मौके पर आना मुनासिब नहीं समझा। इस बाबत जब खण्ड विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह से बात करने के लिए उनका फोन मिलाया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।