मोहनलालगंज: विकास खंड क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा व बिना बरसात के सड़कों पर पानी बह रहा है तो बरसात में नन्हे मुन्ने क्या ऐसी ही गलियों से पढ़ने जाएंगे । केन्द्र तथा राज्य सरकार स्वच्छ भारत ,सुंदर भारत के तहत स्वच्छता अभियान की मुहिम छेड़ रखी है अगर देखा जाए तो राजधानी से सटी विधानसभा मोहनलालगंज तहसील मऊ ग्राम पंचायत का मजरा है जो लोकसभा सुरक्षित क्षेत्र भी है भारत के नक्शे में बड़ा बड़ा दर्ज है मोहनलालगंज लेकिन विकास से कोसो दूर नजर आता है उपजिलाधिकारी ,पुलिस क्षेत्राधिकारी ,विकास खंड कार्यालय ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ,पशु चिकित्सालय तथा ग्राम पंचायत सचिवालय बने है , बड़ी ही विडंबना की बात है कि मऊ ग्राम पंचायत में डॉक्टर अकील अहमद के घर के सामने पुराना तालाब है जिस पर ग्रामीणों ने कुछ हिस्से में कब्जेदारी कर निर्माण करा लिया है परन्तु उस तालाब में ग्रामीणों के घरों का पानी भरता रहता है , यही गंदा पानी इस समय सड़कों पर भरा रहता है इससे पूर्व इस रास्ते से निकलना कठिन था ,मोहनलालगंज क्षेत्र जिला पंचायत सदस्य अरविंद कुमार गौतम ने आर सी सी रोड बनवा दी थी क्यो की इससे पहले इस रास्ते में बड़े बड़े गढ्ढे थे जिनसे निकलना मुश्किल काम था ,श्री गौतम ने बताया कि सड़कों किनारे नाली बनाने का कार्य ग्राम पंचायत का काम है , सभी कार्यालय बने है लेकिन वहीं चिराग तले अंधेरा , जल निकासी न होने से पूर्व प्रधान प्रदीप गुप्ता के घर के सामने भी पानी भर जाता है यदि समय रहते अधिकारियो ने जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है क्योंकि इसी तालाब किनारे बिजली विभाग का ट्रांसफार्मर भी रखा है जल भराव के कारण यदि करंट उतरा तो हजारों घर इसकी चपेट में आ सकते है सभी सरकारी मुलाजिमों को स्वच्छता अभियान में भाग लेना रास नहीं आ रहा है इसी लिए गंदगी के अंबार लगे है ,
मऊ गांव में चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा है , गांव की नालिया चोक पड़ी है , सड़को पर गंदा बदबूदार पानी भरा है , ये नजारा कोई भी इस गांव में पहुच कर देख सकता है , अब गौर करने लायक बात ये है कि जब तहसील से महज दो किलोमीटर दूर स्थित मऊ गांव की ये हालात है तो भला तहसील से जो गांव बीस किलोमीटर दूर बसे है भला उनकी हालात कैसी होगी । गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति हुई है आज तक सफाईकर्मी एक तो आता ही नही है और आता भी है तो कुछ खास व चुनिंदा रसूखदार लोगो के घरों के सामने बनी सरकारी नालियों की साफ सफाई करके चला जाता है । बाकी गली मोहल्ले के रहने वाले ग्रामीणों के घरों के सामने बनी सरकारी जलनिकासी की नालिया गंदगी से पटी पड़ी है और चोक हो चुकी है , जिसके कारण गंदा और बदबूदार दूषित जल सड़को के ऊपर से बह रहा है । इस गंदे पानी के बीच से ग्रामीण गुजरने को विवश है । इतना ही नही इसमें गिरकर अब तक कई साईकल सवार व दो पहिया वाहन से चलने वाले ग्रामीण चोटिल भी हो चुके है ,अब स्कूल खुलने का समय हो रहा है इन्हीं राहों से नौ निहाल नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल जाने को मजबूर होंगे ऐसा नहीं कि ग्रामीण इस बात की शिकायत नही करते है , करते है तहसील दिवस से लेकर सरकारी अधिकारियों के दफ्तरों में पहुचकर लिखित व मौखिक शिकायते दर्ज करा चुके है ग्रामीणों को महज आस्वाशन के शिवा कुछ नही मिलता और ग्रामीण अपने आप को ठगा सा महसूस करते है । और जब ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के समाधान से निराकरण की बात करते है तो जब सरकारी मुलाजिमों पर वो अपना दबाव बनाते है तो बीच खूच सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो जाती है , गांव में फिर बदहाली और गंदगी का अंबार लग जाता है चोक पड़ी गांव की नालियो की साफ सफाई न होने के कारण जेठ के महीने में भी घरो का पानी सड़को के ऊपर से बह रहा है और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी इस गांव की बदहाली को गंभीरता से नही ले रहे है । वही कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सफाईकर्मी गांवो में न जाकर साहबो के ऑफिसो में बाबूगिरी व अन्य कार्य कर रहे है , और जो उनका असल कार्य है उससे कोसो दूर है , ऐसे में भला सरकार उनको वेतन आखिर किस बात का दे रही है । वही दूसरी ओर गांवो में गंदगी का अंबार लगा है , जब अभी से ये हाल है तो आने वाले कुछ दिनों में बारिश के महीनों में स्थिति कैसी होगी , इस बात की चिंता ग्रामीणों को सता रही है । और ग्रामीणों में अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियां भी फैलने की आशंका ब्याप्त है , वही कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इस बात की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी भोलानाथ कनौजिया से भी की का चुकी हैं लेकिन महज आस्वाशन के शिवा कुछ न मिला , और आलम ये है कि ग्रामीण अपने अपने घरों के सामने बनी जल निकासी की नालिया खुद साफ करने को मजबूर है । अगर साफ न करे तो बदबू के कारण बैठना मुश्किल हो रहा है ।
शिव बालक गौतम की रिपोर्ट