निगोहां के शेरपुर लवल गांव में संदिग्ध परिस्थितियों में आग से जिंदा जले दम्पति का पीएम होने के बाद सोमवार को दोनो के परिवारीजनों के लोगों की मौजूदगी में ईसाई धर्म के अनुसार कुछ समाजसेविकों की मदद से मोहनलालगंज में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं अंतिम संस्कार के बाद मासूम बच्चों को गोद लेने के लिए संस्था व कई लोगों ने हाँथ बढ़ाये।जब कि नानी ने दोनो बच्चो को साथ ले जाकर भरण-पोषण की बात कही।
निगोहा में रविवार सुबह असम राज्य के लखीमपुर निवासी दिनेश उर्फ़ आसामी (35) व झारखण्ड के गुमला जिले के शोकराहतो गांव की रहने वाली अपनी पत्नी शांति (33) से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद दिनेश और पत्नी आग की लपटों में घिरे की चीखपुकार सुनकर ग्रामीण दौड़े थे और आग बुझाई थी।जिसमे पत्नी की मौके पर ही मौत हो गयी थी व पति दिनेश भी सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। वहीं रविवार देर शाम लडक़ी पक्ष के परिवारीजन रोते बिलखते शेरपुर लवल गांव व निगोहां थाने पहुंचे लड़की के पिता रन्थू महतो व मां मनकुबेर अपने बेटे शकंर व बेटी दुर्ग वती सहित रिश्तेदारो के साथ जौनपुर से रविवार की देर शाम शेरपुर लवल गाँव पहुँची पिता रन्थू महतो ने बताया कि वह लोग जौनपुर जनपद के एक ईंट भट्ठे में ईंट पथाई व ढुलाई का काम करते हैं।बेटी शांति ने सात साल पहले रजामंदी से दिनेश से प्रेम विवाह किया था। दोनों के बीच कभी झगड़ा नही होता था। बताया कि होली के पर्व में अपने बच्चों के साथ दोनो उनके घर आए हुए थे जहां वह काफी दिनों तक खुशी खुशी रहें।
रिपोर्ट अभय दीक्षित